गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए जाने ये नई तकनीक?

गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?गेहूं की अच्छी पैदावार पाने के लिए खेत में यूरिया डालना आम बात हो गई है। सिंचाई के बाद खड़ी फसल पर 100 लीटर पानी में 2 किलो यूरिया के साथ आधा किलो जिंक का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। गेहूं की पूरी फसल के मौसम में यूरिया का प्रयोग 2 बार किया जा सकता है,

गेहूं में यूरिया कितनी बार डालना चाहिए?

जिसका छिड़काव 40-45 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से किया जा सकता है। कृषि विकास अधिकारी विकास सांगवान ने कहा कि किसानों को सरसों व गेहूं में यूरिया डालने की बजाय खाद का छिड़काव करना चाहिए। इससे प्रति एकड़ एक बार में चालीस किलो की जगह पांच से छह किलो ही यूरिया का उपयोग किया जा सकेगा। इससे जहां यूरिया के अत्यधिक उपयोग से बचा जा सकेगा, वहीं उत्पादन भी स्थिर रहेगा।

गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए टिप्स

  • गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए आपको अपने क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों के अनुसार गेहूं की अच्छी उन्नत किस्मों के बीज बोने चाहिए।
  • हर साल एक ही खेत में एक ही फसल न बोएं, फसल चक्र अपनाएं।
  • खेत तैयार करने से पहले मिट्टी की जांच करा लें, फिर जुताई के समय आवश्यक कारकों की कमी को दूर कर लें.
  • बीज बोने से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करना होगा, खेत को कम से कम 2-3 बार जुताई करके समतल कर लेना चाहिए.
  • समय पर गेहूं की बुआई करें और आपको सीड ड्रिल कृषि यंत्र से गेहूं की बुआई करनी होगी।
  • ध्यान दें कि बुआई के समय मिट्टी में नमी सामान्य होनी चाहिए, नमी की मात्रा कम या ज्यादा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस स्थिति में बीजों का पूर्ण अंकुरण नहीं हो पाता है।
गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए

गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण

रबी के सभी खरपतवार जैसे बथुआ, पयागी, खरतुआ, हिरनखुरी, चटरी, मटरी, सांजी, अंकारा, कृष्णनील, गेहुंसा और जंगली जई आदि गेहूं की फसल में उगते हैं। इन्हें निराई-गुड़ाई द्वारा रोका जा सकता है, लेकिन कुछ रसायनों का उपयोग करके भी रोका जा सकता है, जो इस प्रकार हैं, जैसे पेंडामेथलिन 30 ईसी 3.3 लीटर की मात्रा में 800-1000 लीटर पानी में प्रति हेक्टेयर फ्लैटफैन नोजल के साथ मिलाएं।

छिड़काव बुआई के 1-2 दिन बाद करना चाहिए। ताकि खरपतवारों का जमाव न हो, चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए बुआई के 30-35 दिन बाद तथा पहली सिंचाई के एक सप्ताह बाद 24डी सोडियम साल्ट 80% डब्लूपी 625 ग्राम की मात्रा में 600-800 लीटर पानी में घोलें। , साथ ही बुआई के 35-40 दिन बाद फ्लैटफैन नील का छिड़काव करना चाहिए।

गेहूं की खेती में उर्वरक की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

मृदा परीक्षण के अनुसार खाद एवं उर्वरक का प्रयोग सर्वोत्तम तरीके से करना चाहिए। सामान्य परिस्थितियों में गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम पोटाश और 60 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर डाल सकते हैं जैविक विधि से गेहूं की फसल में दूसरी बुआई के समय 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी हुई खाद का उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है।

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